Tuesday 12 September 2017

CORRECT THESE SENTENCES CLASS 10

निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध कीजिये | 
अशुद्ध वाक्य
1. मैंने आज अनेक पशु और पक्षी उड़ते और चरते हुए देखे |
2. यह घटना जब मैं आठ वर्ष की थी, तब की है |
3. मैं आपका सदैव हमेशा आभारी रहूँगा |
4. आइये, पधारिये आपका स्वागत है |
5. भैंस का ताकतवर दूध होता है |
6. मैं ईश्वर का दर्शन करने आया हूँ |
7. मैंने तुम्हें अनेकों बार देखा है |
8. बेफालतू की बातें मत किया करो |
9. आज मैंने बगीचे में कई सुन्दर फूलों को देखा |
10. मैंने बहुत सारे सोने के गहने खरीदे |
11. सुनिए, अन्दर आजाओ |
12. प्रत्येक व्यक्ति बुरे नहीं होते |
13. मेरे को आपका चित्र बहुत पसंद आया |
14. आप जूते बाहर निकाल लीजिये |
15. परीक्षा प्रारम्भ होने में एकमात्र एक दिन ही बचा है |

Tuesday 5 September 2017

UNSEEN PASSAGE FOR PRACTICE CLASS 8



अपठित गद्यांश
1.    निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिये  |            5
हिंदुस्तान में अनगिनत नदियाँ हैं, इसलिए संगमों का भी कोई पार नहीं है| इन सभी संगमों में हमारे पुरखों ने गंगा-यमुना का यह संगम सबसे अधिक पसंद किया है, और इसीलिए उसका प्रयागराज जैसा गौरवपूर्ण नाम रखा है| पिछली पाँच शताब्दियों में जिस प्रकार हिन्दुस्तान के इतिहास का रूप बदला, उसी प्रकार दिल्ली-आगरा और मथुरा-वृन्दावन के समीप से आते हुए यमुना के प्रवाह के कारण गंगा का स्वरुप भी प्रयाग के बाद बिलकुल बदल गया है|

      प्रयाग के बाद गंगा कुलवधू की तरह गंभीर और सौभाग्यवती दिखती है| इसके बाद उसमें बड़ी-बड़ी नदियाँ मिलती जाती हैं| यमुना का जल मथुरा-वृन्दावन से श्रीकृष्ण के संस्मरण अर्पण करता है, जबकि अयोध्या होकर आनेवाली सरयू आदर्श राजा रामचंद्र के प्रतापी किन्तु करुण जीवन की स्मृतियाँ लाती है| दक्षिण की ओर से आनेवाली चम्बल नदी रंतिदेव के यज्ञयाग की बातें करती है, जबकि महान कोलाहल करता हुआ शोणभद्र गजग्राह के दारुण द्वंद्व-युद्ध की झांकी कराता है |
(क) भारत में संगमों का कोई पार क्यों नहीं है ?
(ख) गंगा यमुना के संगम का नाम क्या है ?
(ग) प्रयाग के बाद गंगा कैसी दिखती है ?
(घ) सरयू नदी कहाँ से होकर बहती है ?
(ङ) चम्बल नदी किसकी बातें करती है ?

अपठित गद्यांश
1.         निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिये  |                5
एक बार एक ग्राहक चित्रों की दुकान पर गया उसने वहाँ पर अजीब से चित्र देखे पहले चित्र में  चेहरा पूरी तरह बालों से ढँका हुआ था और पैरोँ मे पंख थे ।एक दूसरे चित्र मे सिर पीछे से गंजा था।
ग्राहक ने पूछायह चित्र किसका है?
दुकानदार ने कहाअवसर का
ग्राहक ने पूछाइसका चेहरा बालों से ढँका क्यों है ?
दुकानदार ने कहा -क्योंकि अक्सर जब अवसर आता है तो मनुष्य उसे पहचानता नहीं है
ग्राहक ने पूछाऔर इसके पैरो मे पंख क्यों है?
दुकानदार ने कहावह इसलिये कि यह तुरंत वापस भाग जाता है, यदि इसका उपयोग हो तो यह तुरंत उड़ जाता है
ग्राहक ने पूछाऔर यह दूसरे चित्र मे पीछे से गंजा सिर किसका है?
दुकानदार ने कहायह भी अवसर का है यदि अवसर को सामने से ही बालो से पकड़ लेँगे तो वह आपका है ।अगर आपने उसे थोड़ी देरी से पकड़ने की कोशिश की तो पीछे का गंजा सिर हाथ आयेगा और वो फिसलकर निकल जायेगा वह ग्राहक इन चित्रों का रहस्य जानकर हैरान था पर अब वह बात समझ चुका था कि हमें हर अवसर का भरपूर उपयोग करना चाहिये
() ग्राहक ने दुकान में किसका चित्र देखा?
() पहले चित्र की क्या विशेषता थी ?
() चित्र के पैरों में पंख क्यों थे ?
() दूसरे चित्र की क्या विशेषता थी ?
() चित्रों का रहस्य जानकर ग्राहक ने क्या सीखा ?